Sunday

कुछ प्रशन और गुरुदेव के उत्तर

वह पावन पुरुष ऐसा था जिसके पास हर समस्या का समाधान और हर प्रशन का उत्तर था और फिर संसार से अलग रह कर भी संसारी कमजोरियों को जानता , पहचानता था आप कैसे भी प्रशन क्यों करें उत्तर तुरन्त मिलता था।
  • एक बार एक प्रोफ़ेसर ने पूछा : - "आपका मजनू के बारे में क्या ख्याल है ?" (कोई दूसरा संत होता तो मजनू कानाम सुनकर झेंप जाता )
  • आपने बिना झिझक के उठतात दिया : - "लाल जी ! उसकी वृति वाकई ( वास्तव में) काबिल--तारिकसराहनीय) थी "
  • किसी ने पूछा : महाराज जी ! फाज़िल (विद्वान्) कैसे बन सकते है ?
  • आपका उत्तर था : - कामिल फकीर की सीख से आमिल बनोगे तो फजील खुद-बी-खुद बन जाओगे।
  • किसी ने पूछा :- " महाराज जी ! कभी बैठे बिठाये संसार से मन उचाट होजाता है , मन पर एक अदभुत सी उदासीछा जाती है !"
  • आपका उत्तर था : - " लाल जी ! आपने अभी तक अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित ही नहीं किया बिना लक्ष्य के जीवन व्यतीत करने वाले का ऐसा ही हाल होता है.

No comments: