SANGAT SAMTAVAD (संगत सम्तावाद)
Spirituality unfolded
Sunday
गुरुनानक देव जी फरमाते हैं
साध
के
संग
मुख
उजजल
होता
।
साध
के
संग
मिल
सांगली
खोत
॥
साध
के
संग
मिटे
अभिमान
।
साध
के
संग
प्रगट
मन
ज्ञान
॥
साध
के
संग
पाये
नाम
रतन
।
साध
के
संग
एक
ऊपर
जतन॥
2 comments:
Dinesh Rishi
said...
This comment has been removed by the author.
October 21, 2008 at 7:59 AM
Dinesh Rishi
said...
ॐ ब्रहम सत्यम सर्वाधार
October 26, 2008 at 4:35 AM
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2 comments:
ॐ ब्रहम सत्यम सर्वाधार
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