SANGAT SAMTAVAD (संगत सम्तावाद)
Spirituality unfolded
Sunday
श्री सतगुरु फरमान
जिसके जानने से सब कुछ जन जाता है।
जिस की प्राप्ति से परम संतोख प्राप्त हो जाता है।
वह ही निर्भैये पद अविनाशी शब्द सर्व अन्तर में प्रकाश कर रहा है।
एकाग्र चित्त होकर इस का सिमरण ध्यान करना ही सर्व आनंद के
देने वाला है। यह ही साधन परम धन है॥
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