Monday

मैंने मांस खाना क्यूँ छोड़ा

मैं नदी किनारे पर खड़ा था। कुछ लोग पानी के कुछ जानवरों को पकड़कर नाव में डालकर दुसरे किनारे ले जा रहे थे । एक जानवर ने कुछ ही दूर जाकर पानी में छलांग लगा दी और तैरने लगा। पकड़ने वाले ने भी उसके पीछे छलांग लगा दी। जानवर ने उसको देखकर गति तेज़ कर दी लेकिन ज्यों ही वोह जानवर किनारे पर पहुँचने वाला था उन्होंने उसे पकड़ लिया । जानवर बुल्बुलाने लगा । लेकिन पकड़ने वाले उसे कहाँ छोड़ने वाले थे । मै बुल्बुलाती जान को देखकर उसके अंत को सहें न कर सका । उस दिन से मैंने मांस खाना छोड़ दिया। (रविंद्रनाथ टैगोर)

1 comment:

Anonymous said...

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om braham satyam