One who doesn't see God in every
one,is an atheist.One who doesn't
serve afflicted individuals lovingly,
disobeys God's dictum
जो एक इश्वर को सबमे नही देखता,वह
इश्वर हस्ती से मुनकर (नास्तिक) है । जो प्रेम
करके दुःखी जीवों कि सेवा नही कर्ता,वह
ईश्वर हुकम से मुनकर (ना मानना ) है.
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